हिंदू पंचांग के अनुसार हर दिन की एक विशेष तिथि होती है जो उस दिन के लिए शुभ या अशुभ समय का परिचायक होती है। तिथि के अनुसार त्यौहार, उत्सव, व्रत आदि का निर्धारण किया जाता है।
तिथि के साथ ही वार यानि दिन का नाम भी महत्व रखता है। प्रत्येक वार की अपनी महत्ता होती है। उदाहरण के लिए सोमवार को चंद्र देव का दिन माना जाता है तो मंगलवार को मंगल का दिन।
नक्षत्र भी हिंदू पंचांग में महत्वपूर्ण स्थान रखता है। प्रत्येक नक्षत्र की अपनी विशेषताएं होती हैं। 27 नक्षत्रों में से प्रतिदिन एक नक्षत्र रहता है।
इस प्रकार हिंदू पंचांग के अनुसार तिथि, वार और नक्षत्र की जानकारी बहुत महत्वपूर्ण होती है। इससे हम शुभ-अशुभ कार्यों और व्रत-त्यौहार आदि का निर्धारण कर सकते हैं।
- Aaj Ka Panchang
- Aaj Ka Rashifal
- Aaj Ka Mausam
- Aaj Mandi Bhav
नक्षत्रों के नाम
स्कंद पुराण के अनुसार तारों की संख्या असंख्य है। ज्योतिष शास्त्र के अनुसार इनकी संख्या में 27 नक्षत्र होते हैं। इन नक्षत्रों के देवता के नाम से ही नक्षत्र का आभास होता है। प्रत्येक नक्षत्र के सामने चार पद होते हैं। उनके स्वामी अलग हैं।
- अश्विनी - अश्विनी कुमार - केतु
- भरणी - यम - शुक्र
- कृतिका -अग्नि देवता - सूर्य
- रोहिणी - ब्रह्मा - चंद्र
- मृगशिरा - चन्द्रमा - मंगल
- आर्दा - शिव शंकर - राहु
- पुनर्वसु - आदिति - बृहस्पति
- पुष्य - बृहस्पति - शनि
- अश्लेषा - सर्प - बुध
- माघ - पितर - केतु
- पूर्वाफाल्गुनी - भग (भोर का तारा) - शुक्र
- उत्तराफाल्गुनी - अर्यमा - सूर्य
- हस्त - सूर्य - चंन्द्र
- चित्रा -विश्वकर्मा - मंगल
- स्वाति - वायु - राहु
- विशाखा - इन्द्र, अग्नि - बृहस्पति
- अनुराधा - आदित्य - शनि
- ज्येष्ठा - इन्द्र - बुध
- मूल - राक्षस - केतु
- पूर्वाषाढा - जल - शुक्र
- उत्तराषाढा - विश्वेदेव - सूर्य
- अभिजित - विश्देव - सूर्य
- श्रवण - विष्णु - चन्द्र
- धनिष्ठा - वसु - मँगल
- शतभिषा - वरुण देव - राहु
- पूर्वाभाद्रपद - अज - बृहस्पति
- उत्तराभाद्रपद - अतिर्बुधन्य - शनि
- रेवती - पूूषा - बुध
तिथियों के नाम
दिनांक और डेट जिसे तिथि कहा जाता है, एक मास यानि महीने में आमतौर पर 30 दिन होते हैं जिसमें दो पक्ष होते हैं, कृष्ण पक्ष और शुक्ल पक्ष! महीने के 30 दिनों में से 15 दिन कृष्ण पक्ष के होते हैं और 15 दिन शुक्ल पक्ष के होते हैं।
शुक्ल पक्ष
1. प्रतिपदा
2. द्वितीया
3. तृतीया
4. चतुर्थी
5. पंचमी
6. षष्ठी
7. सप्तमी
8. अष्टमी
9. नवमी
10. दशमी
11. एकादशी
12. द्वादशी
13. त्रयोदशी
14. चतुर्दशी
15. पूर्णिमा
कृष्ण पक्ष
1. प्रतिपदा
2. द्वितीया
3. तृतीया
4. चतुर्थी
5. पंचमी
6. षष्ठी
7. सप्तमी
8. अष्टमी
9. नवमी
10. दशमी
11. एकादशी
12. द्वादशी
13. त्रयोदशी
14. चतुर्दशी
15. अमावस्या
योग के नाम
1. विष्कुम्भ
2. प्रीति
3. आयुष्मान
4. सौभाग्य
5. शोभन
6. अतिगण्ड
7. सुकर्मा
8. धृति
9. शूल
10. गण्ड
11. वृद्धि
12. ध्रुव
13. व्याघात
14. हर्षण
15. वज्र
16. सिद्धि
17. व्यातीपात
18. वरीयान
19. परिघ
20. शिव
21. सिद्ध
22. साध्य
23. शुभ
24. शुक्ल
25. ब्रह्म
26. इन्द्र
27. वैधृति
वार के नाम
सोमवार
मंगलवार
बुधवार
बृहस्पतिवार
शुक्रवार
शनिवार
रविवार