दिवाली का त्योहार भारत में बहुत धूमधाम से मनाया जाता है। दिवाली से एक दिन पहले छोटी दिवाली का त्योहार मनाया जाता है। छोटी दिवाली को 'नरक चतुर्दशी' या 'चौथ का दिवस' भी कहा जाता है। यह दिवाली का पूर्व संध्या काल है।
छोटी दिवाली का महत्व
छोटी दिवाली का त्योहार बहुत ही खास है। इस दिन लोग यमराज की पूजा करते हैं। कहा जाता है कि इस दिन यमराज अपनी बहन रिवर के यहाँ जाते हैं।
एक अन्य किंवदंती के अनुसार, इस दिन भगवान कृष्ण ने नरकासुर का वध किया था। नरकासुर एक बहुत बड़ा असुर था, जिसने 16,000 लड़कियों को बंधक बना रखा था। भगवान कृष्ण ने इस दिन नरकासुर का वध करके सभी लड़कियों को मुक्त कराया था।
छोटी दिवाली की पूजा विधि
- छोटी दिवाली के दिन सुबह जल्दी उठकर स्नान करना चाहिए।
- पूजा से पहले घर की सफाई करनी चाहिए।
- यमराज और कृष्ण की मूर्तियों को स्थापित करके पूजा करनी चाहिए।
- दीप जलाना और मिठाई चढ़ाना भी आवश्यक है।
- इस दिन उपवास रखने से पापों से मुक्ति मिलती है।
छोटी दिवाली पर दीप जलाने का महत्व
छोटी दिवाली पर घर में 14 दीपक जलाए जाते हैं। ये 14 दीपक देवी लक्ष्मी, भगवान विष्णु और यमराज को समर्पित किए जाते हैं।
दीपक जलाने से नकारात्मक ऊर्जाएं दूर होती हैं और घर में सकारात्मकता आती है। यह मान्यता है कि दीप जलाने से घर में लक्ष्मी की कृपा बनी रहती है।
छोटी दिवाली की शुभकामनाएँ
- छोटी दिवाली के पावन अवसर पर आपके जीवन में खुशियों की बहार आए।
- नरक चतुर्दशी के पर्व पर आपके जीवन से दुख-कष्ट दूर हों।
- यमराज आप पर अपनी कृपा की छाया बनाए रखें।
- छोटी दिवाली की हार्दिक शुभकामनाएं!
इस प्रकार, छोटी दिवाली एक बहुत ही महत्वपूर्ण त्योहार है जिसे खूब धूमधाम से मनाया जाता है। इस दिन की पूजा-अर्चना से जीवन में सकारात्मकता आती है। आइए, हम सभी मिलकर इस त्योहार को मनाएं और एक-दूसरे को शुभकामनाएं दें।