कुतुब मीनार, जो कि भारत के दिल्ली में स्थित है, भारतीय ऐतिहासिक और सांस्कृतिक विरासत का महत्त्वपूर्ण हिस्सा है। यह स्तूप अपने आकार, शैली, और महत्ता के लिए प्रसिद्ध है और इसे भारतीय संस्कृति का एक अनमोल रूप माना जाता है।
कुतुब मीनार
अफ़ग़ानिस्तान में स्थित जाम की मीनार से प्रेरित होकर दिल्ली के पहले मुस्लिम शासक कुतुबुद्दीन ऐबक ने इसे आगे बढ़ाना चाहा, 1193 में इसे शुरू करवाया, लेकिन केवल इसकी नींव ही बनवाई।
उनके उत्तराधिकारी इल्तुतमिश ने इसे तीन मंजिल तक बढ़ा दिया और 1368 में फिरोज शाह तुगलक ने पांचवीं और अंतिम मंजिल का निर्माण किया।
क़ुतुब मीनार की लम्बाई 72.5 मीटर है जो की 237.86 फीट के बराबर है, और क्या आप जानना चाहते है की कुतुब मीनार की खासियत क्या है? किसकी याद में बनाया गया, निर्माण कब और किसने करवाया और कुतुबमीनार का वास्तुकार कौन था? ऐसे सभी सवालो के जवाब इस लेख में जानोगे!
कुतुब मीनार कहाँ है?
कुतुब मीनार दिल्ली के दक्षिणी भाग में महरौली क्षेत्र में स्थित है। मीनार के चारों ओर का प्रांगण भारतीय कला की कई उत्कृष्ट कृतियों का घर है, जिनमें से कई 115 ईसा पूर्व की हैं। यह परिसर यूनेस्को की विश्व धरोहर स्थल है।
कुतुब मीनार का इतिहास
भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण के अनुसार कुतुब मीनार के निर्माण से पहले यहां 30 सुंदर जैन मंदिरों का निर्माण किया गया था। जिसे आक्रमणकारियों ने ध्वस्त कर दिया और उसके स्थान पर कई घर बन गए।
कुतुबुद्दीन ऐबक, जो दिल्ली का पहला मुस्लिम शासक था, अफगानिस्तान में बनी जाम मीनार से प्रेरित था और उससे बेहतर मीनारें बनाना चाहता था। उन्होंने 1193 में कुतुब मीनार के निर्माण की नींव रखी।
उसके उत्तराधिकारी इल्तुतमीस ने इसमें तीन मंजिलें जोड़ीं और फिर 1368 में फिरोज शाह तुल्धक ने पांचवीं और अंतिम मंजिल का निर्माण किया।
कुतुब मीनार की जानकारी
दिल्ली में स्थित कुतुब मीनार दुनिया की सबसे ऊंची मीनार है। लाल ईंट की कुतुब मीनार की ऊंचाई 72.5 मीटर (237.86 फीट) और गोलाई 14.3 मीटर है, जो शिखर पर 2.75 मीटर (9.02 फीट) तक बढ़ जाती है, इसमें 378 सीढ़ियाँ हैं।
कुतुब मीनार की उचाई लगभग 73 मीटर (238 फ़ीट) है और इसका नक्शा एक दौड़ी और जाली शैली में बनाया गया है। इसमें संस्कृत और अरबी शैली के कागज़ी काम का ज्यादा जोर है, जो इसे विशेष बनाता है।
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