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Coaxial Cable

क्या आप भी Coaxial Cable से संबंधित जानकारी हिंदी में ढूंढ रहे हैं? जानिए इसके उपयोग, कितने प्रकार और इसके फायदे के बारे में। मनुष्य अपने जीवन में मनोरंजन और सूचनाओं के आदान-प्रदान के लिए कई प्रकार के साधनों का उपयोग करता है।

सभी प्रकार के केबल का उपयोग डेटा संचार के लिए किया जाता है, इन सभी केबलों को अलग-अलग नमो से जाना जाता है। मनुष्यों द्वारा उपयोग किए जाने वाले केबलों में एक Coaxial Cable भी शामिल है। क्या आप जानते हैं कि इस केबल को हिंदी में क्या कहा जाता है?

आज आपको इसके हिंदी अर्थ और इसके उपयोग के बारे में बताएंगे।

कोएक्सिअल केबल की परिभाषा

परिभाषा – कोएक्सिअल केबल एक लोकप्रिय केबल है जिसका उपयोग टीवी और वीसीआर में ऑडियो और विज़ुअल उद्देश्यों के लिए किया जाता है।

यह सही नहीं है, लेकिन यह अभी भी कई उपकरणों में इस्तेमाल किया जा सकता है। इसलिए यह इलेक्ट्रॉनिक बाजार में बहुत लोकप्रिय है। उपयोगकर्ता को समझना चाहिए कि कोएक्सिअल केबल कैसे काम करता है।

कोएक्सिअल केबल क्या है? Coaxial Cable in Hindi

यह चार परतों से बना एक तांबे का तार है। केबल का मध्य भाग पतली तार से बना होता है। यह तार तब एक प्लास्टिक की परत से ढका होता है। शेष दो परतें मेश की हैं। उसके बाद सबसे ऊपरी परत रबर की है। केबल का प्रत्येक अंतिम भाग तांबे की एक पतली परत से निकलता है जिसे हम विद्युत उपकरण में प्लग करते हैं।

इंग्लैंड के इंजीनियर और गणितज्ञ ओलिवर हीविसाइड द्वारा 1880 में इसका निर्माण किया गया तदउपरांत इसे विश्व के विभिन्न भागों में लोग इसके प्रति जागरूक हुए और 1884 में जर्मनी के सीमेंस और हैल्स्के के द्वारा निर्माण किया गया।

समय के साथ Co लोगवेयर होते चले गए और 1929 में आधुनिक समाक्षीय केबल का निर्माण किया गया सन 1936 में बर्लिन में ग्रीष्मकालीन ओलंपिक के टीवी प्रसारण किए गए और इसी वर्ष अपोलो बे, मेलबोर्न, ऑस्ट्रेलिया, और स्टेनली में मध्य सवर्प्रथम पानी के नीचे कोएक्सियल केबल 300 किमी की तम्बी तक बिछाई गई।

1941 में संयुक्त राज्य अमेरिका में पहला व्यावसायिक उपयोग के लिए एक टीवी चैनल और 480 इनपुट सर्किट की क्षमता वाला L1 सिस्टम लगाया गया समय के साथ का कई आधुनिक उपकरणों का अविष्कार हुआ और उपकरणों का संचालन करने के लिए कई आधुनिक केबल का भी निर्माण हुआ और 1956 में पहला Transatlantic Coaxial Cable Laid (TAT-1) का इस्तेमाल किया गया।

कोएक्सिअल केबल का निर्माण

कोएक्सिअल केबल का निर्माण से पहले इस केबल के भौतिक आकार, आवृत्ति प्रदर्शन, क्षीणन, शक्ति से निपटने की क्षमता, लचीलापन, शक्ति और इसकी लागत को ध्यान में रखते हुए इसका निर्माण किया गया।

इस केबल के आन्त्रिक कंडक्टर ठोस और असहाय होते हैं। असहाय धातु की प्रवृति स्थिर होती है जो किसी प्रकार के खिचाव में जल्द टूटता नहीं है | केबल का बेहतर उच्च आवृत्ति प्रदर्शन पाने के लिए इसके आंतरिक कंडक्टर के रूप में चांदी-प्लेटेड धातु का इस्तेमाल किया जाता है, लेकिन टीवी केबल उद्योगों में कॉपर-प्लेटेड स्टील वायर का अधिक इस्तेमाल किया जाता है।

इसके आन्तरिक संवाहक पर एक ठोस प्लिस्टिक की परत चदा होती है, जिसका बारी बारीक़ धातु का कंडक्टर होता है और यह एक ट्यूबलर प्लेटलेट के परत से ढका होता है।

कोएक्सिअल केबल का उपयोग

कोएक्सिअल केबल का इस्तेमाल सामान्य तौर पर होम वीडियो उपकरण, रेडियो सेट अप और माप इलेक्ट्रॉनिक्स को कनेक्ट करने के लिए किया जाता है इसे टेलीविजन नेटवर्क के अलावा रेडियो नेटवर्क और लंबी दूरी के संचार नेटवर्क के लिए इस्तेमाल किया जाता है।

टीवी नेटवर्क में यह वीडियो डेटा का संचार करता है जिससे हम अपने टेलीविज़न पर दूर कही संचारित हो रहे कार्यक्रम का वीडियो घर बैठे ही देख रहे है | यह भी जाने की डीवीडी को हिंदी में क्या कहते हैं।

रेडियो और संचार नेटवर्क में यह केबल कई प्रकार के डेटा का संचार करता है जिसकी मदद से हम ऑड ट्रांसमिशन के अलावा अपने से कई मोबाइल दुर बैठे व्यक्ति से आसानी से पूर्वक बात हो जाती है, इसके अलावा हम अपने आवश्यक के कागजात को आसानी से पूर्वक ईमेल का मदद से भेजते है।